Uttarakhand Kisan Pension Yojana 2025: इस योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के भूमिधरी किसानों को हर महीने ₹1,000 की पेंशन राशि प्रदान की जाती है।

Uttarakhand Kisan Pension Yojana 2025: बुजुर्ग किसानों को सम्मान की पेंशन

Uttarakhand Kisan Pension Yojana 2025 उत्तराखंड राज्य में खेती करने वाले हजारों किसान ऐसे हैं जो जीवन भर खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन बुढ़ापे में उनके पास आमदनी का कोई स्थायी स्रोत नहीं होता। सरकार ने ऐसे ही किसानों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड किसान पेंशन योजना (KPY) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के भूमिधरी किसानों को हर महीने ₹1,000 की पेंशन राशि दी जाती है, ताकि वे सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।

यह योजना सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक सम्मान है उन हाथों के लिए जो जिंदगी भर धरती को सींचते रहे।

Eligibility and Benefits

उत्तराखंड किसान पेंशन योजना का मुख्य उद्देश्य उन किसानों को लाभ देना है जो वृद्धावस्था में आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इस योजना के अंतर्गत कई पात्रता शर्तें और लाभ दिए गए हैं, जो नीचे विस्तार से बताए गए हैं:

  • आयु सीमा: लाभार्थी की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए।

  • कृषक वर्ग: लाभार्थी के नाम पर कृषि भूमि होनी चाहिए।

  • पेंशन राशि: हर महीने ₹1,000 की नियमित पेंशन।

  • स्थान: केवल उत्तराखंड राज्य के निवासी किसानों को ही लाभ मिलेगा।

  • अन्य पेंशन से स्वतंत्र: अगर कोई और पेंशन ले रहा है, तब भी किसान पेंशन का लाभ मिल सकता है (कुछ शर्तों के अधीन)।

Overview Table

विषय विवरण
योजना का नाम उत्तराखंड किसान पेंशन योजना (KPY)
शुरूआत उत्तराखंड सरकार द्वारा
पात्रता आयु 60 वर्ष या उससे अधिक
लाभार्थी वर्ग भूमिधरी किसान
मासिक पेंशन राशि ₹1,000 प्रतिमाह
आवेदन प्रक्रिया Online / पंचायत स्तर पर
राज्य उत्तराखंड
वार्षिक लाभ ₹12,000

उत्तराखंड किसान पेंशन योजना के लिए आवेदन करना बेहद सरल है। इसे गांव की पंचायत से लेकर तहसील कार्यालय तक किया जा सकता है।

  1. सबसे पहले किसान को अपना उम्र प्रमाण पत्र और भूमि के दस्तावेज तैयार रखने होंगे।

  2. फॉर्म भरना: पंचायत भवन या कृषि कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और उसे सही जानकारी के साथ भरें।

  3. दस्तावेज जमा करें: फॉर्म के साथ आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक पासबुक की कॉपी और पासपोर्ट साइज फोटो संलग्न करें।

  4. प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पंचायत स्तर पर जांच होती है और पात्रता तय की जाती है।

  5. पेंशन शुरू: अगर सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो हर महीने किसान के बैंक खाते में ₹1,000 की पेंशन राशि आनी शुरू हो जाती है।

Why This Scheme is Important

उत्तराखंड के अधिकतर किसान छोटे और सीमांत कृषक हैं। इनकी आमदनी खेती तक ही सीमित रहती है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, खेत में मेहनत करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कोई निश्चित आमदनी न होने की वजह से बुजुर्ग किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

योजना के माध्यम से:

  • आर्थिक संबल मिलता है।

  • सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिलता है।

  • किसानों का मनोबल बढ़ता है कि सरकार उनके साथ है।

Documents Required

योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी होते हैं:

  • आधार कार्ड

  • भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र

  • आयु प्रमाण पत्र (जैसे जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड)

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • बैंक पासबुक की कॉपी

Government’s Intention Behind the Scheme

उत्तराखंड सरकार का उद्देश्य है कि किसान समुदाय को वृद्धावस्था में अकेला न छोड़ा जाए। आज के समय में जब शहरीकरण तेज़ी से बढ़ रहा है, गांव और किसान कहीं पीछे न छूट जाएं, इसके लिए यह योजना एक सकारात्मक कदम है।

यह योजना सरकार के उस दृष्टिकोण को दर्शाती है जिसमें हर वर्ग को सुरक्षा और सम्मान देने का संकल्प है।

FAQs

1. क्या यह योजना केवल भूमिधरी किसानों के लिए है?
हाँ, इस योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके नाम पर खेती योग्य भूमि दर्ज है।

2. अगर किसी किसान की उम्र 59 वर्ष है, तो क्या वह आवेदन कर सकता है?
नहीं, योजना के अंतर्गत केवल 60 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले किसानों को ही पात्र माना जाता है।

3. क्या पेंशन की राशि सीधे बैंक खाते में आती है?
हाँ, पेंशन की ₹1,000 राशि हर महीने लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजी जाती है।

4. आवेदन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
यदि सभी दस्तावेज सही हों और जांच प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाए, तो 15 से 30 दिनों में पेंशन शुरू हो जाती है।

5. क्या इस योजना में नवीनीकरण करना पड़ता है?
कुछ मामलों में सालाना प्रमाणन (life certificate) जमा करना होता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लाभार्थी जीवित है और पात्रता बनी हुई है।

Conclusion

उत्तराखंड किसान पेंशन योजना उन लाखों किसानों के लिए एक आशा की किरण है, जो बुढ़ापे में किसी पर बोझ नहीं बनना चाहते। यह योजना न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा देती है बल्कि यह दर्शाती है कि समाज अपने अन्नदाता को कभी नहीं भूलता। सरकार की यह पहल स्वागत योग्य है और अन्य राज्यों को भी इससे सीख लेनी चाहिए।

अगर आप या आपके परिवार में कोई पात्र किसान है, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और इसे अन्य जरूरतमंदों तक भी पहुँचाएं। यही सच्ची समाजसेवा है।

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