Post Harvest Seb Prabandhan Yojana 2025: सेब की फसल के बाद की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लगभग 5,000 हेक्टेयर भूमि पर अल्ट्रा डेंस ऑर्चर्ड विकसित किए जाएंगे।
Post Harvest Seb Prabandhan Yojana 2025 सेब एक ऐसा फल है जो भारत के कई हिस्सों में खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में उगाया जाता है। लेकिन अक्सर किसान मेहनत से फल उगाते हैं, फिर भी उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाता या फल जल्दी खराब हो जाते हैं। इसकी एक बड़ी वजह है – कटाई के बाद की सही देखरेख यानी पोस्ट हार्वेस्ट सेब प्रबंधन योजना का न होना। इस लेख में हम समझेंगे कि सेब को तोड़ने के बाद कौन-कौन से कदम उठाए जाएं ताकि उसका दाम भी अच्छा मिले और खराब होने की संभावना भी कम हो।
Apple Harvesting
सेब की कटाई का सही समय बेहद जरूरी होता है। अगर फल अधपका या ज़्यादा पक कर तोड़ा गया तो वह जल्दी खराब हो सकता है या ट्रांसपोर्ट के दौरान दब भी सकता है। कटाई करते समय ध्यान रखें कि:
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फल पूरा रंग ले चुका हो
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बीज भूरे रंग के हो गए हों
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हल्के से दबाने पर गूदा थोड़ा सख्त लगे
सेब को कभी भी खींच कर नहीं तोड़ना चाहिए। एक-एक फल को हाथ से घुमाकर तोड़ना चाहिए जिससे डंठल टेहनी से अलग हो जाए लेकिन फल पर चोट न लगे।
Cleaning & Sorting
सेब तोड़ने के बाद उसे साफ करना जरूरी है। पत्तियों, मिट्टी या कीड़ों से बचाने के लिए हल्के हाथ से सूखे कपड़े या ब्रश से सफाई करें। इसके बाद छंटाई करें:
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बड़े, मध्यम और छोटे आकार के हिसाब से वर्गीकरण करें
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कटे-फटे या रोगग्रस्त फलों को अलग करें
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ऊँचे दाम के लिए एक जैसी क्वालिटी और साइज के फलों को एक ग्रेड में रखें
यह कदम खासतौर पर मंडी या थोक व्यापारियों को प्रभावित करता है क्योंकि वे साफ, सुंदर और एक जैसे फलों को ज्यादा पसंद करते हैं।
Overview Table
चरण | विवरण | लाभ |
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कटाई (Harvesting) | सही समय पर हाथ से सावधानी से तोड़ना | फल का कम नुकसान, अच्छी क्वालिटी |
सफाई और छंटाई (Cleaning & Grading) | सूखे कपड़े से सफाई, ग्रेड के अनुसार वर्गीकरण | अच्छे दाम, ग्राहक संतुष्ट |
पैकिंग (Packing) | मजबूत क्रेट, ढीले कागज़ या ग्रास का प्रयोग | ट्रांसपोर्ट में फल सुरक्षित रहते हैं |
भंडारण (Storage) | ठंडी और सूखी जगह या कोल्ड स्टोरेज | खराब होने से बचाव, लंबा स्टोर टाइम |
मार्केटिंग (Marketing) | स्थानीय मंडी, थोक व्यापारी या ऑनलाइन बिक्री | बेहतर मुनाफा, कम बिचौलिया |
पैकिंग का काम हल्के हाथ से और ध्यानपूर्वक करना चाहिए। सेब को ऐसे क्रेट्स या बक्सों में रखा जाए जो मजबूत हों और जिनमें हवा पास हो सके। बक्सों के अंदर घास या कागज़ की तह बिछाएं जिससे फल आपस में टकरा कर खराब न हों। हर लेयर के बीच में भी कुछ नरम पदार्थ रखना चाहिए।
ध्यान रखें:
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एक क्रेट में ज़्यादा फल न भरें
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सेबों को आपस में ठूंस कर न रखें
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बक्सों पर ग्रेड, तारीख और जगह का लेबल ज़रूर लगाएं
Storage
अगर सेब को तुरंत बाज़ार में नहीं बेचना है तो उसे सुरक्षित तरीके से स्टोर करना जरूरी है। भंडारण के दो तरीके होते हैं:
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सामान्य भंडारण (Cool Dry Room)
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तापमान 0–5 डिग्री सेल्सियस के बीच रखें
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नमी 85–90% होनी चाहिए
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हवा पास होने वाली जगह में रखें
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कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage)
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इसमें फल 4–6 महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं
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महंगा होता है, पर बड़े किसान या समूह लाभ उठा सकते हैं
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Marketing
अब जब सेब तैयार है, तो उसका बाज़ार ढूंढना भी उतना ही जरूरी है। कुछ विकल्प हैं:
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स्थानीय मंडी: सीधे ले जाकर व्यापारियों को बेचना
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थोक व्यापारी: बड़ी मात्रा में एक बार में बेचना
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फूड प्रोसेसिंग कंपनियां: सीधे अनुबंध कर सकते हैं
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ऑनलाइन प्लेटफॉर्म: जैसे कि B2B पोर्टल या कृषि स्टार्टअप
आजकल किसान सीधे ग्राहकों तक भी पहुँच बना रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा दाम मिलता है और मिडलमैन भी नहीं होता।
Value Addition
अगर मार्केट में दाम कम मिल रहे हैं या फल जल्दी खराब हो रहे हैं तो उसे प्रॉसेस करके कुछ और बनाया जा सकता है:
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सेब का जैम या चटनी
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ड्राय एप्पल स्लाइस
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सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)
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जूस और स्क्वैश
इससे सेब की वैल्यू बढ़ती है और किसान को अलग तरीके से आमदनी मिलती है।
FAQs
Q1. क्या सेब को धोकर स्टोर करना चाहिए?
नहीं, सेब को धोने से उसकी बाहरी मोम की परत निकल सकती है जिससे वह जल्दी खराब हो सकता है। साफ सूखे कपड़े से साफ करें।
Q2. सेब को कितने समय तक स्टोर किया जा सकता है?
अगर कोल्ड स्टोरेज में रखा जाए तो सेब को 4–6 महीने तक रखा जा सकता है, जबकि सामान्य भंडारण में 1–2 महीने तक।
Q3. क्या छोटे किसान पोस्ट हार्वेस्ट तकनीक अपना सकते हैं?
हाँ, छोटे किसान भी कम लागत वाले तरीके जैसे छंटाई, सफाई और साधारण भंडारण अपना सकते हैं। समूह बनाकर कोल्ड स्टोरेज का भी लाभ ले सकते हैं।
Q4. सेब के पैकिंग के लिए कौन सा बक्सा अच्छा होता है?
लकड़ी या मोटे गत्ते वाले क्रेट्स, जिनमें हवा पास हो सके, सबसे अच्छे माने जाते हैं। अंदर नरम कागज़ या घास भी जरूरी है।
Q5. क्या सेब को ऑनलाइन बेचा जा सकता है?
बिल्कुल। आजकल कई प्लेटफॉर्म जैसे कि B2B मार्केटप्लेस और एग्रीटेक स्टार्टअप्स किसानों को सीधे खरीदारों से जोड़ते हैं।
Conclusion
सेब की खेती करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है कटाई के बाद का प्रबंधन। अगर हर किसान पोस्ट हार्वेस्ट के इन स्टेप्स को अपनाए तो न सिर्फ उनका मुनाफा बढ़ेगा, बल्कि सेब की गुणवत्ता भी लंबे समय तक बनी रहेगी। बेहतर पैकिंग, सफाई, भंडारण और सही बिक्री की योजना से भारत का सेब अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी पहचान बना सकता है।